नई दिल्ली: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर अपनी बड़ी भविष्यवाणी की है। स्काई स्पोर्ट्स पर बातचीत करते हुए एथरटन ने फाइनल विजेता के तौर पर दक्षिण अफ्रीका को चुना है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दक्षिण अफ्रीका इस बार चोकर्स के टैग को पीछे छोड़कर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीत सकता है।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज 19 फरवरी से होगा, और इसका फाइनल 9 मार्च को खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान और दुबई संयुक्त रूप से कर रहे हैं। टूर्नामेंट में कुल 8 टीमें हिस्सा लेंगी और 50 ओवर के 15 मुकाबले खेले जाएंगे। भारत अपने सभी मैच यूएई के दुबई और शारजाह स्टेडियम में खेलेगा।

23 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में महामुकाबला खेला जाएगा। यह मुकाबला क्रिकेट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों के बीच होगा, जो न केवल खेल के लिहाज से बल्कि रोमांच के दृष्टिकोण से भी बेहद खास होगा।

भारत अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ करेगा। ग्रुप ए में भारत के साथ पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश हैं। भारत का आखिरी ग्रुप मैच 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ होगा। भारत के पास मजबूत बल्लेबाजी और गेंदबाजी लाइनअप है, और इसे टूर्नामेंट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान शामिल हैं। इंग्लैंड के पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम है, जबकि दक्षिण अफ्रीका को इस बार चैंपियन बनने का दावेदार माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया, जो 2023 क्रिकेट विश्व कप चैंपियन है, को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता।

भारत के कोचिंग स्टाफ में गौतम गंभीर मुख्य कोच हैं, जबकि मोर्ने मोर्केल गेंदबाजी कोच के रूप में अहम भूमिका निभा रहे हैं। बल्लेबाजी कोच के तौर पर सितांशु कोटक और फील्डिंग कोच टी दिलीप टीम को मजबूत बनाने में लगे हैं। यह कोचिंग स्टाफ भारतीय खिलाड़ियों को रणनीतिक रूप से तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

दक्षिण अफ्रीका के पास क्विंटन डी कॉक, एडेन मार्करम और कगिसो रबाडा जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। एथरटन के अनुसार, यह टीम मानसिक रूप से अधिक मजबूत हो गई है और अब बड़े मैचों का दबाव झेलने में सक्षम है। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले कुछ सालों में अपनी फिटनेस और प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया है।

अगर सब कुछ सही रहा, तो भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच फाइनल मुकाबला देखने को मिल सकता है। भारत अपनी शानदार बल्लेबाजी और विविधतापूर्ण गेंदबाजी के दम पर चुनौती पेश करेगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका अपनी संतुलित टीम और अनुभव के सहारे ट्रॉफी के करीब पहुंच सकता है।